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Friday 23 January 2015

डॉली की डोली

VIDEO MOVIE REVIEW: डॉली की डोली
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VIDEO MOVIE REVIEW: डॉली की डोली

फिल्मडॉली की डोली
स्टार2/5
कास्टसोनम कपूर, राजकुमार राव, पुलकित सम्राट, वरुण शर्मा
डायरेक्टरअभिषेक डोगर
प्रोड्यूसरअरबाज खान, मलाइका अरोड़ा खान
म्यूजिकसाजिद-वाजिद, संजॉय चौधरी
जेनरकॉमेडी, ड्रामा
सोनम कपूर ने साल 2015 की शुरुआत लुटेरी दुल्हन बनकर की है। अभिषेक डोगर ने फिल्म 'डॉली की डोली' से डायरेक्शन डेब्यू किया है। फिल्म का कॉन्सेप्ट अच्छा था, लेकिन प्रभाव छोड़ने में नाकाम रही।
 फिल्म की कहानी:
 सोनू सहरावत (राजकुमार राव) डॉली (सोनम कपूर) से प्यार करता है। वो उसका हाथ मांगने के लिए उसके घर जाता है, तो डॉली के पिता उसे मां-बाप के साथ आने के लिए बोलते हैं। बात तय होने के बाद दोनों की शादी हो जाती है। शादी की अगली सुबह जब सभी जागते हैं तब मालूम चलता है कि डॉली पूरा घर लूटकर भाग गई। शहर में लुटेरी दुल्हन की बात फैल चुकी होती है। ऐसे में इसका केस इंस्पेक्टर रॉबिन सिंह (पुलकित सम्राट) को सौंप दिया जाता है। इधर, डॉली नया दूल्हा ढूंढती है। उसकी मुलाकात मनोज सिंह चड्ढा (वरुण शर्मा) से होती है। अपने प्यार के जाल में फांसकर वो मनोज से शादी कर लेती है और एक बार फिर सबकुछ लूटकर रफूचक्कर हो जाती है। हालांकि, इंस्पेक्टर रॉबिन अपनी चालाकी से डॉली को ढूंढ निकालता है। दरअसल, रॉबिन भी डॉली से कभी प्यार करता था। ऐसे में कहानी अब उलझ जाती है। इसके बाद फिल्म में क्या होता है, इस बात का पता तो सिनेमाघर में ही चलेगा।
 कैसा है डायरेक्शन:
 अभिषेक डोगर ने 'डॉली की डोली' से अपना डायरेक्शन डेब्यू किया है। उन्होंने फिल्म की शुरुआत मनोरंजक ढंग से ली, लेकिन इस लय को बांधने में वो नाकाम रहे। फिल्म का पहला हाफ बेहतर है, लेकिन दूसरा हाफ काफी वीक नजर आया। फिल्म में कई कमियां भी हैं, जो आप देखकर समझ जाएंगे।
किसकी एक्टिंग बेहतर:
 
फिल्म का कहानी यूं तो सोनम कपूर पर फोकस है, लेकिन एक्टिंग के मामले में राजकुमार राव सबसे अव्वल रहे। हरियाणवी लड़के के किरदार को उन्होंने दमदार प्ले किया है। अपने हर सीन को उन्होंने मनोरंजक बनाया है। सोनम की एक्टिंग उनकी पुरानी फिल्मों की तरह ही है। यानी वही चुलबुलापन, एक्सप्रेशन, डांस सबकुछ। वरुण शर्मा का रोल छोटा है, लेकिन उन्होंने भी बेहतर काम किया है। हालांकि, पुलकित सम्राट अपनी एक्टिंग को जानदार बनाने के चक्कर में ओवर एक्टिंग कर बैठे। शायद वो सलमान भाई की तरह रॉबिनहुड पांडे बनना चाहते थे।
 
फिल्म का म्यूजिक:
 
फिल्म के गाने 'फैशन खतम', 'फट्टे तक नचना', 'डॉली की डोली', 'बाबाजी का ठुल्लू' पर्दे पर सुनने के साथ देखने में भी अच्छे लगते हैं। इसका क्रेडिट साजिद-वाजिद की जोड़ी के साथ संजॉय चौधरी को जाता है। फिल्म की कहानी की रफ्तार भले ही धीमी हो जाती हो, लेकिन गाने आखिर तक एनर्जी देते हैं।
 
फिल्म देखें या नहीं:
 
इस फिल्म को देखने के लिए आपको सोनम कपूर का फैन होना जरूरी है। वो इसलिए, क्योंकि बाद में पैसा डूबने का अहसास ना हो। हालांकि, फिल्म की लंबाई 2 घंटे से भी कम है, ऐसे में ये आपको ज्यादा बोर नहीं कर पाएगी।