सफर में मुश्किलें आऐ, तो हिम्मत और बढ़ती है,
कोई अगर रास्ता रोके, तो जुर्रत और बढ़ती है,
अगर बिकने पे आ जाओ, तो घट जाते है दाम अक्सर
ना बिकने का इरादा हो तो, कीमत और बढ़ती है।
खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं ,
धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं ,
ये कैंचियाँ खाक हमें उड़ने से रोकेगी ,
हम परों से नहीं हौसलों से उड़ा करते हैं|
हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये ,
सदियों रहा है दुश्मन दौरे -जमाँ हमारा |
थमती हो रफ्तार
उखड़ रही हो सांसे तेरी, दिल करता हो चाहा
दोष विधाता को ना देना, मन मे रखना तू ये आस
“रण विजयी” बनता वही, जिसके पास हो “आत्मविश्वास” By - RAJ HERO ONLINE
कोई अगर रास्ता रोके, तो जुर्रत और बढ़ती है,
अगर बिकने पे आ जाओ, तो घट जाते है दाम अक्सर
ना बिकने का इरादा हो तो, कीमत और बढ़ती है।
मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती हैं ,
स्वप्न के परदे निगाहों से हटाती हैं ,
हौसला मत हार गिर कर ओ मुसाफिर ,
ठोकरें इन्सान को चलना सिखाती हैं |
खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं ,
धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं ,
ये कैंचियाँ खाक हमें उड़ने से रोकेगी ,
हम परों से नहीं हौसलों से उड़ा करते हैं|
मिलेगी परिंदों को मंजिल ये उनके पर बोलते हैं ,
रहते हैं कुछ लोग खामोश लेकिन उनके हुनर बोलते हैं |
हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये ,
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये ,
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे ,
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये |
जब टूटने लगे होसले तो बस ये याद रखना ,बिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होते ,
ढूंड लेना अंधेरों में मंजिल अपनी ,जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते ।
यह अरण्य झुरमुट को कटे अपनी रह बना ले ,
कृत दस यह नहीं किसी का जो चाहे अपना ले
जीवन उनका नहीं युधिस्ठिर जो इससे डरते हैं,
यह उनका जो चरण रोप निर्भय होकर चलते हैं |
कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं हमारी ,सदियों रहा है दुश्मन दौरे -जमाँ हमारा |
समर में घाव खता है उसी का मान होता है,
छिपा उस वेदना में अमर बलिदान होता है,
सृजन में चोट खाता है छेनी और हथौड़ी का,
वही पाषाण मंदिर में कहीं भगवन होता है |
कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं ,
जीता वही जो डरा नहीं |
थमती हो रफ्तार
उखड़ रही हो सांसे तेरी, दिल करता हो चाहा
दोष विधाता को ना देना, मन मे रखना तू ये आस
“रण विजयी” बनता वही, जिसके पास हो “आत्मविश्वास” By - RAJ HERO ONLINE
No comments:
Post a Comment